Accounts - Demat Account and Trading Account का क्या फंडा है ?
शेयर बाजर में Stocks को खरीदने और बेचने तथा अपने Portfolio में Stocks को Hold करके रखने के लिए आपके पास Trading Account और Demat Account दोनों का होना बहुत जरूरी हैं ।
शुरू में बहुत कम लोग शेयर बाजार के बारे में जानते थे । मुंबई जैसे बड़े शहर के लोग ही शेयरों को खरीदते और बेचते थे । वो लोग एक बरगद के पेड़ के पास इकट्ठे हो जाते थे और कंपनी के शेयरों पर बोलियाँ लगाते थे । अगर खरीदने और बेचने वाले दोनों पक्ष कंपनी के शेयर की एक निश्चित कीमत पर तैयार हो जाते तो उसके बाद का वो लोग कागज पर लिखकर सहमति पत्र तैयार करते थे ।
परंतु धीरे धीरे समय के साथ कागज का काम Electronic तौर पर होने लगा । शेयरों की खरीद बिक्री पर जो बोलियाँ लगती थी वो अब एक नए अंदाज में लगने लगी मतलब की Buyer और seller दोनों अपने शेयरों को Computer पर बैठे-बैठे Online ही Buy और Sell करने लगे । लेकिन Online शेयरों की खरीद बिक्री के लिए एक Account की जरूरत पड़ी जिसको हम Trading Account कहते हैं । Trading account के द्वारा हम शेयरों को Buy या Sell कर सकते हैं । यह ट्रेडिंग प्लैटफ़ार्म हमें ब्रोकर देते हैं । ब्रोकर एक संस्था होती है जो शेयरों की खरीद बिक्री के लिए Software देती है ।
Broker की धोखाधड़ी को रोकने के लिए हमारे देश में एक संस्था है जिसे SEBI (Securities and Exchange Board of India ) कहते हैं । SEBI से registered ब्रोकर की संख्या बहुत ज्यादा है । हमारे देश में दो मुख्य Exchange है जो कि NSE (National Stock Exchange ) तथा BSE (Bombay Stock Exchange ) है । NSE तथा BSE में शेयरों की खरीद बिक्री होती है क्योंकि किसी भी ब्रोकिंग फ़र्म का trader किसी अन्य ब्रोकिंग फ़र्म के trader से buy या sell कर सकता है ।
Broker की धोखाधड़ी को रोकने के लिए हमारे देश में एक संस्था है जिसे SEBI (Securities and Exchange Board of India ) कहते हैं । SEBI से registered ब्रोकर की संख्या बहुत ज्यादा है । हमारे देश में दो मुख्य Exchange है जो कि NSE (National Stock Exchange ) तथा BSE (Bombay Stock Exchange ) है । NSE तथा BSE में शेयरों की खरीद बिक्री होती है क्योंकि किसी भी ब्रोकिंग फ़र्म का trader किसी अन्य ब्रोकिंग फ़र्म के trader से buy या sell कर सकता है ।
Demat Account
Demat अकाउंट बैंक अकाउंट की तरह ही होता है । इसमें आपके शेयर को रखा जाता है । जब आप एक दिन से ज्यादा शेयर को रखते हैं तो यह अपने आप ही आपके Demat account में चला जाएगा और जब आप शेयर को बेच देते हैं तो यह अपने आप Demat अकाउंट से चला जाएगा । जिस दिन आप कोई Share खरीदते हैं वह T-Day कहलाता है उससे अगला दिन T1 तथा उससे अगला दिन T2 कहलाता है। इस T2 वाले दिन आपके Demat Account में शेयर आते हैं और इसी प्रकार से T2 वाले दिन आपके Demat Account से शेयर जाते हैं ।
Demat Account की सहायता से ही आप अपने Demat Account में रखे शेयरों को दूसरे के Demat Account में Transfer कर सकते हैं। अगर आपके पास Demat Account नहीं होगा तो आप शेयरों को Transfer नहीं कर सकते । इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास Demat Account नहीं है तो आप शेयरों के साथ ट्रेडिंग तो कर सकते हैं लेकिन अगले दिन के लिए नहीं रख सकते । इसलिए शेयरों को अगले दिन या कुछ दिन रखने के लिए Demat Account की जरूरत पड़ती है ।
SEBI - यह कंपनी तथा ब्रोकिंग फ़र्म पर नजर रखती है ताकि trader के साथ किसी भी प्रकार का धोखा न हो ।
Exchange - यह किसी भी कंपनी के शेयरों की खरीद बिक्री के लिए बीच में एक संस्था होती है । किसी भी कंपनी को शेयरों की खरीद या बिक्री के लिए Exchange में listed या registered होना बहुत जरूरी है ।
Broker - यह एक संस्था होती है जो trader को शेयरों की खरीद बिक्री के लिए Software provide करती है । Broker के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप यहाँ Click कर सकते हैं ।
Trader - शेयरों की खरीद बिक्री करने वाले व्यक्ति को trader कहते हैं ।
Share - किसी भी व्यक्ति का कंपनी में एक हिस्सा होता है । इस हिस्से को वह व्यक्ति Price के अनुसार Buy या Sell कर सकता है । यह हिस्सा हमें हमारे Account में एक गिनती के रुप में नजर आता है मतलब कि कंपनी के अंदर हमारे द्वारा लगाए गए पैसे हमें शेयरों की संख्या के रूप में नजर आते हैं । थोड़ा और शेयर के बारे में जानने के लिए यहा Click करें ।
जी दोस्तों, आप एक से ज्यादा Demat तथा Trading Account खुलवा सकते हैं । लेकिन अगर आप चाहे तो Demat Account सिर्फ एक रखा जा सकता है । उदाहरण के लिए आपने A नाम की ब्रोकिंग फ़र्म के पास Demat तथा Trading Account दोनों Open करवा लिए । अब आप चाहते हैं किसी दूसरी ब्रोकिंग फ़र्म B के पास अपना Trading Account खुलवाना चाहते हैं बस आपको यह बताना है कि Demat Account मेरे पास पहले है और मैं सिर्फ वही Demat Account रखना चाहता हूँ । लेकिन अगर आप चाहे तो B ब्रोकिंग फ़र्म के पास भी Demat तथा Trading Account दोनों खुलवा सकते हो । कई Trader इस झमेले से बचने के लिए दोनों Broking फ़र्म के पास ही Demat तथा Trading Account दोनों खुलवा लेते हैं ।
अगर आप अभी अभी शेयर बाजार को सीख रहे हो तो सिर्फ एक ही Trading Account खुलवाईए । अगर आपको शेयर बाजार का Experience हो गया है तो आप इस Post को लगातार पढ़ते रहिए ।
एक से ज़्यादा Trading Account होने का फायदा यह है कि हम एक Trading Account में सिर्फ उन शेयरों को खरीद कर छोड़ देते हैं जो हमने लंबे समय तक रखने हैं और दूसरे Trading Account से हम हर रोज जो भी Trading करनी है वो कर सकते हैं । अब आप सोच रहे होंगे कि यह दोनों बातें तो हम एक ही Trading Account से भी कर सकते हैं लेकिन दोस्तों यहाँ मैं आपको मेरे अनुभव से बता दूँ कि जब हम एक ही Trading Account से यह सब करते हैं तो जो शेयर हमने लंबे समय के लिए रखा है और हमारी नजर हर रोज उस पर पड़ती है तो हम अपने लालच या डर के कारण उसमें भी ट्रेडिंग कर लेते हैं । इस तरह हम अपने इरादों से पलट जाते हैं ।
दूसरा सबसे बड़ा फायदा मैं मेरे अनुभव से बता रहा हूँ इसको पुरे ध्यान से पढ़ना । जब हमारे पास एक ही ट्रेडिंग अकाउंट होता है और हमने किसी शेयर को Buy या Sell कर रखा है । कई बार उस ब्रोकिंग फ़र्म का सर्वर Down हो जाता है और इस दौरान हम अपने शेयर की खरीद या बिक्री की Price में कोई बदलाव नहीं कर पाते । इस प्रकार हमें बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है । लेकिन अगर हमारे पास एक से ज़्यादा ट्रेडिंग अकाउंट है तो हम इस नुकसान को कम कर सकते हैं । मान लो हमने किसी शेयर को 180 रुपए के भाव पर खरीद रखा है और ब्रोकिंग फ़र्म A का सर्वर down हो गया । इसी दौरान शेयर की कीमत भी गिरकर 175 रुपए के भाव पर आ जाती है और हम अपने शेयर से निकल नहीं पाते । अगर हमारा दूसरा Trading अकाउंट B ब्रोकिंग फ़र्म के पास होगा तो हम उस B फ़र्म वाले अकाउंट से उसी कंपनी के शेयरों को 175 के भाव पर Sell कर देंगे । ध्यान रहे ये वो शेयर नहीं हैं जो हमने A ब्रोकिंग फ़र्म के ट्रेडिंग अकाउंट में खरीदे थे, ये आपने उसी कंपनी के नए शेयरों को Sell किया है । मतलब कि आपके इस ट्रेडिंग account B में शेयरों के ना होते हुए भी आप बेच रहे हैं तो इसको Short Sell कहते हैं । इस प्रकार शेयर की Price और भी गिरती है तो हमारा Loss fix हो चुका है । क्योंकि अगर A ट्रेडिंग अकाउंट में हमें Loss हो रहा है तो B ट्रेडिंग अकाउंट में हमें Profit हो रहा है । यह हमने इसलिए किया है ताकि हमारे पहले वाले ब्रोकिंग फ़र्म A का सर्वर जो डाउन हुआ था ठीक हो जाए और जब server पर कोई Problem नहीं रहती तो आप पहले वाले Trading Account A से शेयरों को Sell कर दें और दूसरे ट्रेडिंग अकाउंट B से शेयरों को Buy कर लें । इस तरह Loss को fix करना Hedging कहलाता है ।
कई trading account होने का एकमात्र नुकसान यह है कि जब किसी विशेष दिन उस शेयर की कीमत News के कारण गिर रही है तो हम कई Trading Account एक साथ संभाल नहीं पाते ।
मेरे हिसाब से हमारे पास 3 trading account होने चाहिए । पहला investing के लिए , दूसरा swing trade के लिए तथा तीसरा intraday के लिए । यहाँ मैं आपको बता दूँ यदि आप अभी अभी शेयर बाजार सीख रहें हैं तो सिर्फ एक ही trading account सही है । यह सब आप सीखने के बाद भी खुलवा सकते हैं ।
Swing Trade का मतलब है कि मैं शेयरों को 5 या 7 दिन के लिए रखना चाहता हूँ और Intraday से मतलब है कि चाहे मुझे शेयरों में फायदा हो या नुकसान उसे आज ही बेचना चाहता हूँ ।
ध्यान रहे Intraday सिर्फ उसी अकाउंट में करनी चाहिए जो ब्रोकिंग फ़र्म Intraday के लिए कम charge लेती हो ।
Demat Account की सहायता से ही आप अपने Demat Account में रखे शेयरों को दूसरे के Demat Account में Transfer कर सकते हैं। अगर आपके पास Demat Account नहीं होगा तो आप शेयरों को Transfer नहीं कर सकते । इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास Demat Account नहीं है तो आप शेयरों के साथ ट्रेडिंग तो कर सकते हैं लेकिन अगले दिन के लिए नहीं रख सकते । इसलिए शेयरों को अगले दिन या कुछ दिन रखने के लिए Demat Account की जरूरत पड़ती है ।
मुख्य बातें :
SEBI - यह कंपनी तथा ब्रोकिंग फ़र्म पर नजर रखती है ताकि trader के साथ किसी भी प्रकार का धोखा न हो ।
Exchange - यह किसी भी कंपनी के शेयरों की खरीद बिक्री के लिए बीच में एक संस्था होती है । किसी भी कंपनी को शेयरों की खरीद या बिक्री के लिए Exchange में listed या registered होना बहुत जरूरी है ।
Broker - यह एक संस्था होती है जो trader को शेयरों की खरीद बिक्री के लिए Software provide करती है । Broker के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप यहाँ Click कर सकते हैं ।
Trader - शेयरों की खरीद बिक्री करने वाले व्यक्ति को trader कहते हैं ।
Share - किसी भी व्यक्ति का कंपनी में एक हिस्सा होता है । इस हिस्से को वह व्यक्ति Price के अनुसार Buy या Sell कर सकता है । यह हिस्सा हमें हमारे Account में एक गिनती के रुप में नजर आता है मतलब कि कंपनी के अंदर हमारे द्वारा लगाए गए पैसे हमें शेयरों की संख्या के रूप में नजर आते हैं । थोड़ा और शेयर के बारे में जानने के लिए यहा Click करें ।
क्या हम एक से ज्यादा Demat या Trading Account खुलवा सकते हैं?
जी दोस्तों, आप एक से ज्यादा Demat तथा Trading Account खुलवा सकते हैं । लेकिन अगर आप चाहे तो Demat Account सिर्फ एक रखा जा सकता है । उदाहरण के लिए आपने A नाम की ब्रोकिंग फ़र्म के पास Demat तथा Trading Account दोनों Open करवा लिए । अब आप चाहते हैं किसी दूसरी ब्रोकिंग फ़र्म B के पास अपना Trading Account खुलवाना चाहते हैं बस आपको यह बताना है कि Demat Account मेरे पास पहले है और मैं सिर्फ वही Demat Account रखना चाहता हूँ । लेकिन अगर आप चाहे तो B ब्रोकिंग फ़र्म के पास भी Demat तथा Trading Account दोनों खुलवा सकते हो । कई Trader इस झमेले से बचने के लिए दोनों Broking फ़र्म के पास ही Demat तथा Trading Account दोनों खुलवा लेते हैं ।
एक से ज़्यादा Trading Account का फायदा या नुकसान ? Many Trading Account have Benefit or loss?
अगर आप अभी अभी शेयर बाजार को सीख रहे हो तो सिर्फ एक ही Trading Account खुलवाईए । अगर आपको शेयर बाजार का Experience हो गया है तो आप इस Post को लगातार पढ़ते रहिए ।
एक से ज़्यादा Trading Account होने का फायदा यह है कि हम एक Trading Account में सिर्फ उन शेयरों को खरीद कर छोड़ देते हैं जो हमने लंबे समय तक रखने हैं और दूसरे Trading Account से हम हर रोज जो भी Trading करनी है वो कर सकते हैं । अब आप सोच रहे होंगे कि यह दोनों बातें तो हम एक ही Trading Account से भी कर सकते हैं लेकिन दोस्तों यहाँ मैं आपको मेरे अनुभव से बता दूँ कि जब हम एक ही Trading Account से यह सब करते हैं तो जो शेयर हमने लंबे समय के लिए रखा है और हमारी नजर हर रोज उस पर पड़ती है तो हम अपने लालच या डर के कारण उसमें भी ट्रेडिंग कर लेते हैं । इस तरह हम अपने इरादों से पलट जाते हैं ।
दूसरा सबसे बड़ा फायदा मैं मेरे अनुभव से बता रहा हूँ इसको पुरे ध्यान से पढ़ना । जब हमारे पास एक ही ट्रेडिंग अकाउंट होता है और हमने किसी शेयर को Buy या Sell कर रखा है । कई बार उस ब्रोकिंग फ़र्म का सर्वर Down हो जाता है और इस दौरान हम अपने शेयर की खरीद या बिक्री की Price में कोई बदलाव नहीं कर पाते । इस प्रकार हमें बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है । लेकिन अगर हमारे पास एक से ज़्यादा ट्रेडिंग अकाउंट है तो हम इस नुकसान को कम कर सकते हैं । मान लो हमने किसी शेयर को 180 रुपए के भाव पर खरीद रखा है और ब्रोकिंग फ़र्म A का सर्वर down हो गया । इसी दौरान शेयर की कीमत भी गिरकर 175 रुपए के भाव पर आ जाती है और हम अपने शेयर से निकल नहीं पाते । अगर हमारा दूसरा Trading अकाउंट B ब्रोकिंग फ़र्म के पास होगा तो हम उस B फ़र्म वाले अकाउंट से उसी कंपनी के शेयरों को 175 के भाव पर Sell कर देंगे । ध्यान रहे ये वो शेयर नहीं हैं जो हमने A ब्रोकिंग फ़र्म के ट्रेडिंग अकाउंट में खरीदे थे, ये आपने उसी कंपनी के नए शेयरों को Sell किया है । मतलब कि आपके इस ट्रेडिंग account B में शेयरों के ना होते हुए भी आप बेच रहे हैं तो इसको Short Sell कहते हैं । इस प्रकार शेयर की Price और भी गिरती है तो हमारा Loss fix हो चुका है । क्योंकि अगर A ट्रेडिंग अकाउंट में हमें Loss हो रहा है तो B ट्रेडिंग अकाउंट में हमें Profit हो रहा है । यह हमने इसलिए किया है ताकि हमारे पहले वाले ब्रोकिंग फ़र्म A का सर्वर जो डाउन हुआ था ठीक हो जाए और जब server पर कोई Problem नहीं रहती तो आप पहले वाले Trading Account A से शेयरों को Sell कर दें और दूसरे ट्रेडिंग अकाउंट B से शेयरों को Buy कर लें । इस तरह Loss को fix करना Hedging कहलाता है ।
कई trading account होने का एकमात्र नुकसान यह है कि जब किसी विशेष दिन उस शेयर की कीमत News के कारण गिर रही है तो हम कई Trading Account एक साथ संभाल नहीं पाते ।
कितने Trading Account हमारे पास होने चाहिए ? How many trading account should you have ?
मेरे हिसाब से हमारे पास 3 trading account होने चाहिए । पहला investing के लिए , दूसरा swing trade के लिए तथा तीसरा intraday के लिए । यहाँ मैं आपको बता दूँ यदि आप अभी अभी शेयर बाजार सीख रहें हैं तो सिर्फ एक ही trading account सही है । यह सब आप सीखने के बाद भी खुलवा सकते हैं ।
Swing Trade का मतलब है कि मैं शेयरों को 5 या 7 दिन के लिए रखना चाहता हूँ और Intraday से मतलब है कि चाहे मुझे शेयरों में फायदा हो या नुकसान उसे आज ही बेचना चाहता हूँ ।
ध्यान रहे Intraday सिर्फ उसी अकाउंट में करनी चाहिए जो ब्रोकिंग फ़र्म Intraday के लिए कम charge लेती हो ।
Labels: Learn Stock Market
2 Comments:
Thanks for sharing the blog, seems to be interesting and informative too. Avail hassle free paperless demat account opening online at Libord Broking with cross trading platform, easy on the pocket and paperless account opening. Click now to open demat account Instantly & start trading.
Thanku
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