Thursday, 13 July 2017

What is IPO ? आइ पी ओ (IPO) क्या है?


जब किसी कंपनी को कोई भी कार्य करने के लिए पैसे की जरूरत होती है तो वह listed होकर जनता से पैसे ले सकती है । इसे IPO(initial Public Offer) कहते हैं ।  जब कंपनी IPO लेकर आती है तो उस IPO की कुछ दिन तक वैधता होती है जिसमें कोई भी व्यक्ति उस कंपनी के शेयर खरीदने के लिए Apply कर सकता है । लेकिन जहां तक हमें पता है IPO में FII  निवेश नहीं कर सकते हैं । IPO Market को Primary Market कहते हैं ।
                  IPO के दस-बारह  दिन बाद कंपनी NSE या BSE या दोनों में listed हो जाती है और जिनको IPO वाले शेयर मिल चुके हैं वो व्यक्ति कंपनी के लिस्ट होने के बाद अगर शेयरों को बेचना चाहे तो वह बेच सकता है । IPO के बाद कंपनी अपने शेयरों को Investor में बांट देती है, इसको Allotment of Share कहते हैं। कंपनी के list होने के बाद जब शेयरों की खरीद बिक्री शुरू हो जाती है तो इसे ‘Secondary Market’ कहते हैं । इसमें कोई भी नया निवेशक जिसने IPO में कंपनी के शेयर नहीं खरीदे थे तो वह भी शेयरों को खरीद और बेच सकता है । IPO में निवेश करने से पहले आपके पास Demate Account का होना जरूरी है । यह किसी प्राइवेट कंपनी का पब्लिक कंपनी की राह पर पहला कदम होता है । इसके बाद प्राइवेट कंपनी पब्लिक कंपनी में बदल जाती है ।
IPO के समय कंपनी की मर्जी होती है कि वह Investor से पूरा पैसा एकदम मँगवाए या किस्तों के रूप में मँगवाए । अगर कंपनी किस्त के रूप में पैसा लेती है तो कंपनी को सारा पैसा एक साल के अंदर मंगवाना होता है तथा हर एक किस्त के बीच में कम से कम एक माह का अंतराल होना जरूरी है ।



 

what are the points to note before investing in an IPO ?    IPO में निवेश करने से पहले जरूरी बातें क्या होती हैं ?


सबसे पहले तो यह देखें की यह कंपनी किस Sector से संबन्धित है । उदाहरण के लिए Auto Sector, IT Sector, Pharma Sector आदि । और वह Sector आज के समय में कैसा Perform कर रहा है और भविष्य में कैसे Perform कर सकता है ।

कंपनी का प्रोमोटर कौन है और उसका रिकॉर्ड कैसा है । क्या वह किसी और कंपनी का भी प्रोमोटर है, अगर है तो उस कंपनी का वित्तीय कार्य कैसा चल रहा है कहीं वह कंपनी घाटे में तो नहीं चल रही ।
कंपनी IPO द्वारा जुटाई गई पूँजी को कहाँ निवेश करेगी ।
आजकल रेटिंग एजेंसियाँ भी IPO वाली कंपनी को रेटिंग देती है, ये रेटिंग एजेंसियां कंपनी के undamental चेक करके रेटिंग देती है, इससे भी निवेशक को फायदा हो सकता है । परंतु रेटिंग एजेंसी पर ना भरोशा करके आपको खुद कंपनी के Fundamental चेक करने चाहिए ।

Types of IPO Subscription

Subscription का मतलब है कि कंपनी अपने जितने शेयरों को जनता को Issue कर रही है, उसके मुकाबले में जनता कितने शेयरों के लिए आवेदन कर रही है । 
Subscription तीन प्रकार का होता है-
1.Fully Subscribe - कंपनी जितने शेयरों को जनता को Issue कर रही है, जनता ने भी उतने ही शेयरों के लिए आवेदन किया है।
2. Over Subscribe - कंपनी जितने शेयरों को जनता को Issue कर रही है, जनता Issue शेयरों की संख्या से ज्यादा के लिए आवेदन कर रही है।
3. Under Subscribe - कंपनी जितने शेयरों को जनता को Issue कर रही है, जनता Issue शेयरों की संख्या से कम के लिए आवेदन करती है ।

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