Tuesday, 26 September 2017

कंपनी अपने Share जनता को क्यों बेचती है और क्या Stock Market जुआ है ?


Share Market जुआ नहीं है दोस्तों । अगर आप जानते हैं कि शेयर क्या होता है तो आप लगातार इस पोस्ट को पढ़ते रहे,  अगर आपको मालूम नहीं है तो आप पहले शेयर क्या होता है वाली पोस्ट पढ़ें ।  बाद में इस पोस्ट को पढ़ें । 
             सबसे पहले आते हैं हम First Question पर । दोस्तों कंपनी को Grow करने के लिए पैसे की जरूरत होती है, अगर कंपनी ये पैसे Bank से लेगी तो कंपनी को इस पैसे पर ब्याज देना पड़ेगा । कंपनी इस ब्याज से बचने के लिए पैसे जनता से लेती है । कंपनी जनता को अपने शेयर बेच देती है और कंपनी को बदले में पैसे मिल जाते हैं । यही कारण है कि कंपनी अपने शेयर जनता को बेच देती है । परंतु अब आपके दिमाग में आया होगा कि कंपनी ये शेयर बैंक को भी तो बेच सकती थी । दोस्तों हमारे देश में बहुत बड़ी संख्यां में कंपनी हैं तो बैंक सभी के शेयर तो खरीद नहीं सकते तथा दूसरी बात यह होती है कि बैंक अपने पैसे पर ज्यादा Risk भी नहीं लेते ।



     अब बात करते हैं कि शेयर बाजार जुआ नहीं है । दोस्तों, जब लोग Stock Market में पैसे नहीं कमा पाते तो इस Market को जुआ का नाम दे देते हैं । कुछ लोग इसको सट्टा बाजार भी कहते हैं । दोस्तों, जिस तरह सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह हर Business के भी दो पहलू होते हैं - Loss And Profit. 
     अब मान लो हम खेती करते हैं, इसमें भी Loss and Profit दोनों होते हैं । अगर किसी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल खराब हो जाती है तो Loss हो गया और जब Rate अच्छे ना आए तब भी Loss हो जाता है । इसी तरह इसके विपरीत होता है, जब Rate अच्छा हो और फसल ज्यादा हुई हो तो Profit हो जाता है ।
       इसी प्रकार दूसरे Business में Loss And Profit होता है । दोस्तों किसी भी Business को करने से पहले उसके बारे में जानना जरूरी होता है । अगर हम किसी भी Business को बिना समझे करेंगे तो एक चीज़ तय होती है जिसको Loss बोलते हैं ।
दोस्तों, कुछ लोग बिना समझे और बिना किसी Study के इस Market में आ जाते हैं, जब इसमें उनको Loss हो जाता है तो Share Market को बदनाम करने के लिए इसे जुआ का नाम दे देते हैं ।

     दोस्तों, मैं आपको एक ऐसा मंच देना चाहता हूँ जिस पर आप Basic के साथ-साथ Advance भी सीख जाएंगे । इसके लिए आप इस Blog को Bookmark भी कर सकते हैं ।


  

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Friday, 22 September 2017

Bulk Deal And Block Deal

Adding Borders and Paddings to HTML Tables



आज की मुख्य  Bulk Deal तथा Block Deal जो कि NSE पर हुई है का विवरण इस प्रकार है :-

Date Symbol Security Name Client Name Buy/Sell Quantity Traded Average Price

इन्हें भी पढ़ें





Bulk डील होती क्या है जानने के लिए नीचे का Content पढ़ें :-


Block Deal का Starting Time 09:15 होता है तथा Closing Time 09:50 होता है । इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी कंपनी के अंदर Block Deal होनी है तो यह 09:15 से लेकर 09:50 के बीच में हो जाएगी । यह Trading Window के अंदर नहीं होती । इसका अर्थ यह है कि यह Deal हमें Screen पर दिखाई नहीं देती । यह Deal ट्रेडिंग Window के Background में होती है । परंतु Bulk Deal ट्रेडिंग Window के अंदर होती है ।

अब बात करते हैं कि आखिर Block Deal और Bulk Deal है क्या ?

Block Deal में जो Share ट्रेड होते हैं उनकी संख्यां 5 लाख से अधिक होनी चाहिए  या फिर Share Transaction Value 5 करोड़ से अधिक होनी चाहिए । Block Deal पिछले दिन के Closing Price के 1% ऊपर या नीचे या Market Price means Current Price पर हो सकती है । क्योंकि यह Trading Window के अंदर नहीं होती, इसलिए इन शेयरों की खरीद बिक्री हमें Trading Window पर दिखाई नहीं देती ।



Bulk Deal का आप Trading Window को देखकर आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं क्योंकि Trading Window में हम रोज Volume देखते हैं, अगर उस दिन ज्यादा Volume है तो हमें आसानी से पता चल सकता है कि यहाँ पर कोई Bulk Deal हुई है । Bulk Deal में कम से कम  0.5% शेयरों की खरीद बिक्री होती है । अगर आप किसी कंपनी के कुल शेयरों की संख्यां जानते हैं तो हम Bulk Deal में  कम से कम कितने Share Participate करेंगे, यह आसानी से पता लगा लेंगे ।

अगर आप NSE पर Bulk Deal या Block Deal के बारे में जानना चाहते हैं तो यहाँ Click करें  Bulk Deal / Block Deal 

बड़े निवेशक जो होते हैं वो 0.5% से नीचे शेयरों को खरीदते हैं ताकि कोई Bulk Deal ना हो और फिर जब उन्होंने आम जनता को दिखाना होता है तब वे Last में जाकर ( उन्होने जितने शेयरों को खरीदना था खरीद लिया होता है ) Bulk Deal करते हैं । यहाँ पर पार्टी खत्म हो गई होती है लेकिन Retail Investor को लगता है कि यहाँ पर तो Party अभी शुरू हुई है । आम जनता बड़े investor की Bulk Deal देखकर खरीदने लग जाती है और इस तरह शेयर की कीमत बढ़ती जाती है लेकिन इस बढ़ी हुई कीमत पर जहां Retail Investor जहां Entry कर रहा होता है, वहीं बड़ा investor अपने शेयरों को 0.5 % से नीचे शेयरों को बेचने लग जाता है ताकि कोई Bulk Deal न बन जाए । और फिर अंत में, बड़ा निवेशक अपने सारे शेयरों को एक Bulk deal के जरिए बेच देता है । फिर आम जनता उनकी इस Deal को देखकर शेयरों को बेचना शुरू कर देती है और वही बड़ा निवेशक इस घटी हुई कीमत पर शेयरों को Accumulate करना मतलब कि शेयरों को खरीदना शुरू कर देता है ।
यही कारण है कि हमें वैसे ही किसी बड़े निवेशक की Bulk Deal को देखकर Buy या Sell नहीं करना चाहिए ।

कई निवेशक जो होते हैं वो Volume Breakout के आधार पर शेयरों की खरीद - बिक्री करते हैं । उनको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह Breakout किसी Bulk Deal /Block Deal के कारण न हुआ हो ।
Delivery % तथा Volume Analysis जो होता है वो Bulk Deal के Case में काम नहीं करता । 

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Tuesday, 19 September 2017

Golden Rule For Investment

शेयर बाजार में Trading करने से पहले आपके कुछ Rule होने जरूरी हैं क्योंकि बिना किसी Rule के आप सही तरीके से Trade नहीं ले पाएंगे । अगर आप Share Market में पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको अपने कुछ Rule बनाने होंगे और उन Rules के मुताबिक ही आपको Trade करना पड़ेगा । वरना शेयर बाजार में आप पैसा कमाना तो दूर, आपके पास जो पूँजी थी वह भी यहीं शेयर बाजार में खो कर शेयर बाजार से Out हो जाओगे ।

आपके द्वारा बनाए गए Rules से आप Discipline में रहकर आप Trade करेंगे और आप अनचाही Trade से भी बच सकते हैं ।



आप कुछ Rules निम्न अनुसार बना सकते हैं :

  1. No Taking a Trade is Also a Trade. मतलब Position ना लेना भी एक Position है ।
  2. धैर्य रखिए–जब तक कि कोई भी stock आपके द्वारा बनाए गए setup में ठीक से ना आए ।
  3. किसी Indicator में Specialist बनिए ।
  4. रातों रात अमीर बनने का सपना ना देखें, आपको सिर्फ Consistent Profit कमाना है ।
  5. सारी पूंजी एकदम से ना लगाएँ और ना ही एक ही Stock में लगाएँ । 
  6. Regulatory Stocks में News का ध्यान रखें । For Example – Telecom Regulatory, Pharma and Airlines stocks
  7.  Turnover की तुलना करे stock with Peer Stocks and by comparing you can find about Volume. 
  8. कभी भी Trading और Investing में 100% बनने का प्रयास न करे । 
  9. जब और बेच रहे हो तब आप खरीदो और जब दूसरे खरीद रहे हो तब आप बेचो <--Smart investor Rule.
  10. Free Cash जरूरी ताकि मार्केट गिरने पर आप अच्छे Stock में Invest कर सके । 
  11. कभी भी Tips पर Trade ना करें । 
  12. Stoploss के साथ Trade करें । 
  13. Govt. Policy के मुताबिक अपनी Strategy और अपने Trading Stocks बदलते रहें । 
  14. Market की Direction में ही Trade लें, कभी भी Market की Direction के विपरीत Trade ना लें । 
  15. किसी भी Stocks को Buy करने से पहले Analysis जरूरी है। चाहे आप Fundamentally Analysis  करो या फिर Technically Analysis.  
  16. किसी भी stocks से Emotional ना जुड़ें रहें,उस Stock में Target मिलने पर निकल जाएँ ।
  17. जिस प्रकार Nifty 50 में 51 Stocks हैं, उसी प्रकार हमारी Watch List में भी कुछ Stocks होने चाहिए ताकि जब वो आपकी Buying Range में आए तब आप उनको Buy कर सके ।  

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Monday, 18 September 2017

Bollinger Band in hindi ? Bollinger Band kya hota h

यह एक विख्यात Indicator है जो कि Investor और Trader द्वारा बहुत ज्यादा प्रयोग किया जाता है ।
यह Stock की Volatility को दिखाता है । इस Indicator में Stock की Price इसके Bands के अंदर Move करती रहती है । ऊपर वाली Line को Upper Band कहते हैं तथा नीचे वाली Line को Lower Band कहते हैं । जब Stock की कीमत Upper Band की तरफ जाती है तो उसे Overbought कहते हैं और यह एक अच्छा Exit Point माना जाता है ।  जब Stock की कीमत Lower Band की तरफ जाती है तो उसे Oversold कहते हैं और यह एक अच्छा Entry Point माना जाता है ।  जब Price ज्यादा ऊपर - नीचे होती है तो Band Expand हो जाता है तथा जब Price कम ऊपर नीचे होती है तो Band भी Narrow हो जाता है । इस प्रकार यह Indicator Stock की Volatility को दिखाता है ।



Bollinger Band Formula


Bollinger Band में प्रयोग होने वाली Lines 
Bollinger Band में Moving Average की Line प्रयोग होती हैं -

  1. Lower Bollinger Band - Middle Band - 2 x Standard Deviation 
  2. Middle Bollinger Band - यह 20 दिन की Simple Moving Average होती है । 
  3. Upper Bollinger Band - Middle Band + 2 x Standard Deviation 

Bollinger Band Breakout




  1. जब Price बहुत कम ऊपर नीचे होती है तो बोला जाता है कि Stock Sideways चल रहा है । इस प्रकार यह Sideways Market में अच्छा Support and Resistance बताता है । 
  2. इस Indicator के द्वारा Stock Trend का पता चलता है । 
  3. जब Stock की कीमत Upper Price Band को तोड़े और कुछ Session ऊपर ही रहे तो यह एक Bullish सिग्नल माना जाता है । 
  4. जब Stock की कीमत Lower Price Band को तोड़े और कुछ Session नीचे ही रहे तो यह एक Bearish सिग्नल माना जाता है । 
  5. जब Stock एक Bullish Phase में हो और Stock की कीमत Upper Band से Middle Band की तरफ जाने लगे तो इसका मतलब Bullish Trend Reverse शुरू हो चुका है । 
  6. इसी प्रकार, जब Stock एक Bearish Phase में हो और Stock की कीमत Lower Band से Middle Band की तरफ जाने लगे तो इसका मतलब Bearish Trend Reverse हो चुका है । 
  7. जब Stock की कीमत Upper Price Band को तोड़े तथा Upper and Lower दोनों Band Expand हो जाए तो Stock के ऊपर जाने की संभावना ज्यादा होती है । 
  8. इसी प्रकार, जब Stock की कीमत Lower Price Band को तोड़े तथा Upper and Lower दोनों Band Expand हो जाए तो Stock की नीचे जाने की संभावना ज्यादा होती है । 
  9. जब Band दोनों एक दूसरे की तरफ आने लगे मतलब कि Bands Contract होने लगे तो इसका अर्थ यह होता है कि Trend का Momentum कम हो गया है या खत्म हो गया है । 
  10. जब Price बिना Upper and Lower Band Expand करे ऊपर / नीचे के Band को तोड़े तो इसका अर्थ यह है कि यह एक False सिग्नल है । 


Limitations of Bollinger Band

  1. जब Market एक Strong Trend में हो तो यह बहुत ज्यादा False सिग्नल देता है । 
  2. यह Sideways Market में ही अच्छी तरह काम करता है । 

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Tuesday, 12 September 2017

What is MACD indicator in Hindi

MACD kya hota hai 
MACD means Moving Average Convergence and Divergence होता है । यह एक विश्वसनीय (जिस पर विश्वास किया जा सके ) तथा आसानी से प्रयोग किया जाने वाला Technical Indicator है । इसको हम  Fast Exponential Moving Average में से Slow Exponential Moving Average को घटाकर प्राप्त कर सकते हैं । ये दोनों Averages एक दूसरे के पास आती हैं और एक दूसरे से दूर मुड़ जाती है, इसीलिए इनका नाम Moving Average Convergence and Divergence पड़ा है । 




यह एक Lagging Indicator है फिर भी यह Moving Average Cross Over से पहले Signal देता है  । 
                      


MACD Line -   26 Days EMA- 12 Days EMA.
आप इन दोनों Moving Averages की जगह कोई भी दो Moving Average ले सकते हैं। परंतु ये दोनों Moving Averages ज़्यादातर प्रयोग की जाती हैं। 

MACD Signal Line - यह 09 Days EMA होती है । 

Zero Line - यह एक Constant line होती है मतलब कि Fix Line. 





MACD का प्रयोग कैसे करें

  1. जब MACD LINE, Signal Line को काटकर ऊपर आ जाए तो एक Bullish Signal बनता है मतलब कि Buy Signal बनता है । 
  2. जब MACD LINE, Signal Line को काटकर Zero Line से ऊपर आ जाए तो यह एक Uptrend का Signal है। 
  3. जब MACD LINE, Signal Line को काटकर नीचे आ जाए तो एक Bearish Signal बनता है मतलब कि Sell Signal बनता है । 
  4. जब MACD LINE, Signal Line को काटकर Zero Line से नीचे आ जाए तो यह एक  Downtrend का Signal है।




MACD के Advantages(लाभ/फायदे) - यह एक जबरदस्त Indicator है जो कि Trend को पहचानने में हमारी मदद करता है ।
यह Moving Average Crossover से पहले Signal देता है।
MACD के Disadvantages(नुकशान/कमियाँ) - volatile Market में यह काफी Wrong Signal देता है । 
यह एक Lagging Indicator है इसलिए Trend शुरू होने के बाद हमें पता चलता है । 

अकेले इस Indicator के आधार पर आप Buy या Sell का निर्णय न लें, इसके साथ में आप दुसरे Indicator या Pattern का भी ध्यान रखें जिससे कि हमें Trade लेने में आसानी हो ।

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