Friday, 22 September 2017

Bulk Deal And Block Deal

Adding Borders and Paddings to HTML Tables



आज की मुख्य  Bulk Deal तथा Block Deal जो कि NSE पर हुई है का विवरण इस प्रकार है :-

Date Symbol Security Name Client Name Buy/Sell Quantity Traded Average Price

इन्हें भी पढ़ें





Bulk डील होती क्या है जानने के लिए नीचे का Content पढ़ें :-


Block Deal का Starting Time 09:15 होता है तथा Closing Time 09:50 होता है । इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी कंपनी के अंदर Block Deal होनी है तो यह 09:15 से लेकर 09:50 के बीच में हो जाएगी । यह Trading Window के अंदर नहीं होती । इसका अर्थ यह है कि यह Deal हमें Screen पर दिखाई नहीं देती । यह Deal ट्रेडिंग Window के Background में होती है । परंतु Bulk Deal ट्रेडिंग Window के अंदर होती है ।

अब बात करते हैं कि आखिर Block Deal और Bulk Deal है क्या ?

Block Deal में जो Share ट्रेड होते हैं उनकी संख्यां 5 लाख से अधिक होनी चाहिए  या फिर Share Transaction Value 5 करोड़ से अधिक होनी चाहिए । Block Deal पिछले दिन के Closing Price के 1% ऊपर या नीचे या Market Price means Current Price पर हो सकती है । क्योंकि यह Trading Window के अंदर नहीं होती, इसलिए इन शेयरों की खरीद बिक्री हमें Trading Window पर दिखाई नहीं देती ।



Bulk Deal का आप Trading Window को देखकर आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं क्योंकि Trading Window में हम रोज Volume देखते हैं, अगर उस दिन ज्यादा Volume है तो हमें आसानी से पता चल सकता है कि यहाँ पर कोई Bulk Deal हुई है । Bulk Deal में कम से कम  0.5% शेयरों की खरीद बिक्री होती है । अगर आप किसी कंपनी के कुल शेयरों की संख्यां जानते हैं तो हम Bulk Deal में  कम से कम कितने Share Participate करेंगे, यह आसानी से पता लगा लेंगे ।

अगर आप NSE पर Bulk Deal या Block Deal के बारे में जानना चाहते हैं तो यहाँ Click करें  Bulk Deal / Block Deal 

बड़े निवेशक जो होते हैं वो 0.5% से नीचे शेयरों को खरीदते हैं ताकि कोई Bulk Deal ना हो और फिर जब उन्होंने आम जनता को दिखाना होता है तब वे Last में जाकर ( उन्होने जितने शेयरों को खरीदना था खरीद लिया होता है ) Bulk Deal करते हैं । यहाँ पर पार्टी खत्म हो गई होती है लेकिन Retail Investor को लगता है कि यहाँ पर तो Party अभी शुरू हुई है । आम जनता बड़े investor की Bulk Deal देखकर खरीदने लग जाती है और इस तरह शेयर की कीमत बढ़ती जाती है लेकिन इस बढ़ी हुई कीमत पर जहां Retail Investor जहां Entry कर रहा होता है, वहीं बड़ा investor अपने शेयरों को 0.5 % से नीचे शेयरों को बेचने लग जाता है ताकि कोई Bulk Deal न बन जाए । और फिर अंत में, बड़ा निवेशक अपने सारे शेयरों को एक Bulk deal के जरिए बेच देता है । फिर आम जनता उनकी इस Deal को देखकर शेयरों को बेचना शुरू कर देती है और वही बड़ा निवेशक इस घटी हुई कीमत पर शेयरों को Accumulate करना मतलब कि शेयरों को खरीदना शुरू कर देता है ।
यही कारण है कि हमें वैसे ही किसी बड़े निवेशक की Bulk Deal को देखकर Buy या Sell नहीं करना चाहिए ।

कई निवेशक जो होते हैं वो Volume Breakout के आधार पर शेयरों की खरीद - बिक्री करते हैं । उनको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह Breakout किसी Bulk Deal /Block Deal के कारण न हुआ हो ।
Delivery % तथा Volume Analysis जो होता है वो Bulk Deal के Case में काम नहीं करता । 

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8 Comments:

At 3 May 2018 at 21:55 , Blogger Unknown said...

good very good it is very helpful.

 
At 3 May 2018 at 23:42 , Blogger Manish Singh Insan said...

Thanku

 
At 15 November 2018 at 07:22 , Blogger Unknown said...

That's good information

 
At 17 November 2018 at 09:23 , Blogger Manish Singh Insan said...

thanku

 
At 15 January 2019 at 22:10 , Blogger Unknown said...

Very nice information
Thanks

 
At 10 March 2019 at 08:37 , Blogger piyush rai said...

AWESOME APNA CHANNEL THE WAY YOU EXPLAIN THE TOPIC IS VERY EASY TO UNDERSTAND. BUT I WANT 1 QUESTION THAT PLEASE EXPLAIN ME SHARE MARKET ME AVERAGE KARNA KYA HOTA HAI.

 
At 17 July 2019 at 04:39 , Blogger Unknown said...

Very fruitful information thanks

 
At 20 July 2019 at 03:37 , Blogger Manish Singh Insan said...

Thx

 

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