Bollinger Band in hindi ? Bollinger Band kya hota h
यह एक विख्यात Indicator है जो कि Investor और Trader द्वारा बहुत ज्यादा प्रयोग किया जाता है ।
यह Stock की Volatility को दिखाता है । इस Indicator में Stock की Price इसके Bands के अंदर Move करती रहती है । ऊपर वाली Line को Upper Band कहते हैं तथा नीचे वाली Line को Lower Band कहते हैं । जब Stock की कीमत Upper Band की तरफ जाती है तो उसे Overbought कहते हैं और यह एक अच्छा Exit Point माना जाता है । जब Stock की कीमत Lower Band की तरफ जाती है तो उसे Oversold कहते हैं और यह एक अच्छा Entry Point माना जाता है । जब Price ज्यादा ऊपर - नीचे होती है तो Band Expand हो जाता है तथा जब Price कम ऊपर नीचे होती है तो Band भी Narrow हो जाता है । इस प्रकार यह Indicator Stock की Volatility को दिखाता है ।
Bollinger Band में प्रयोग होने वाली Lines
Bollinger Band में Moving Average की Line प्रयोग होती हैं -
यह Stock की Volatility को दिखाता है । इस Indicator में Stock की Price इसके Bands के अंदर Move करती रहती है । ऊपर वाली Line को Upper Band कहते हैं तथा नीचे वाली Line को Lower Band कहते हैं । जब Stock की कीमत Upper Band की तरफ जाती है तो उसे Overbought कहते हैं और यह एक अच्छा Exit Point माना जाता है । जब Stock की कीमत Lower Band की तरफ जाती है तो उसे Oversold कहते हैं और यह एक अच्छा Entry Point माना जाता है । जब Price ज्यादा ऊपर - नीचे होती है तो Band Expand हो जाता है तथा जब Price कम ऊपर नीचे होती है तो Band भी Narrow हो जाता है । इस प्रकार यह Indicator Stock की Volatility को दिखाता है ।
Bollinger Band Formula
Bollinger Band में प्रयोग होने वाली Lines
Bollinger Band में Moving Average की Line प्रयोग होती हैं -
- Lower Bollinger Band - Middle Band - 2 x Standard Deviation
- Middle Bollinger Band - यह 20 दिन की Simple Moving Average होती है ।
- Upper Bollinger Band - Middle Band + 2 x Standard Deviation
Bollinger Band Breakout
- जब Price बहुत कम ऊपर नीचे होती है तो बोला जाता है कि Stock Sideways चल रहा है । इस प्रकार यह Sideways Market में अच्छा Support and Resistance बताता है ।
- इस Indicator के द्वारा Stock Trend का पता चलता है ।
- जब Stock की कीमत Upper Price Band को तोड़े और कुछ Session ऊपर ही रहे तो यह एक Bullish सिग्नल माना जाता है ।
- जब Stock की कीमत Lower Price Band को तोड़े और कुछ Session नीचे ही रहे तो यह एक Bearish सिग्नल माना जाता है ।
- जब Stock एक Bullish Phase में हो और Stock की कीमत Upper Band से Middle Band की तरफ जाने लगे तो इसका मतलब Bullish Trend Reverse शुरू हो चुका है ।
- इसी प्रकार, जब Stock एक Bearish Phase में हो और Stock की कीमत Lower Band से Middle Band की तरफ जाने लगे तो इसका मतलब Bearish Trend Reverse हो चुका है ।
- जब Stock की कीमत Upper Price Band को तोड़े तथा Upper and Lower दोनों Band Expand हो जाए तो Stock के ऊपर जाने की संभावना ज्यादा होती है ।
- इसी प्रकार, जब Stock की कीमत Lower Price Band को तोड़े तथा Upper and Lower दोनों Band Expand हो जाए तो Stock की नीचे जाने की संभावना ज्यादा होती है ।
- जब Band दोनों एक दूसरे की तरफ आने लगे मतलब कि Bands Contract होने लगे तो इसका अर्थ यह होता है कि Trend का Momentum कम हो गया है या खत्म हो गया है ।
- जब Price बिना Upper and Lower Band Expand करे ऊपर / नीचे के Band को तोड़े तो इसका अर्थ यह है कि यह एक False सिग्नल है ।
Limitations of Bollinger Band
- जब Market एक Strong Trend में हो तो यह बहुत ज्यादा False सिग्नल देता है ।
- यह Sideways Market में ही अच्छी तरह काम करता है ।
Labels: Techincal Analysis
1 Comments:
Good
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home