Thursday, 13 July 2017

what is stock split ? What is Dividend?


मान लो ABC कंपनी के शेयर की कीमत 1000 रुपए है । इतनी ज्यादा कीमत होने के कारण कुछ लोग इतने महंगे शेयर को खरीद नहीं पाते । अगर शेयर की कीमत कम हो जाती है तो उस कंपनी के शेयर को खरीदने वालों की संख्यां में बढ़ोतरी हो सकती है ।
मान लो अजय के पास ABC कंपनी के 1000 की कीमत पर 100 शेयर हैं । कंपनी stock split का option लेकर आती है । मान लो कंपनी 1:1 में स्टॉक को split करती है ।
अब stock split होने के बाद अजय के पास ABC कंपनी के 200 शेयर हो जाएंगे लेकिन जो शेयर की कीमत है वो भी आधी हो जाएगी ।
लेकिन इन दोनों स्थितियों में अजय की investment same रहती है ।
stock split होने से पहले -
100 शेयर X 1000 शेयर की कीमत = 100000 अजय की टोटल investment
stock split होने के बाद -
200 शेयर X 500 शेयर की कीमत = 100000 अजय की टोटल investment
stock split की कुछ भी Ratio हो सकती है, जैसे - 1:1, 2:1, 3:1 , 4:1
stock split का stock के fundametal पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है । स्टॉक split कंपनी को लाभदायक दर्शाता है ।



Reverse split - यह stock split के बिल्कुल opposite होता है । यह दर्शाता है कि कंपनी की condition खराब है और यह अपने शेयर की कीमत बढ़ा कर कुछ लोगों को आकर्षित करना चाहती है क्योंकि वो लोग शेयर की कीमत तो देख लेते हैं की शेयर की कीमत ज्यादा हो गई है, लेकिन वो यह नहीं देखते कि शेयर की कीमत में कैसे वृद्धि हुई है । जिस investor के पास कंपनी के शेयर थे, उसके शेयरों की संख्या Reverse split होने के बाद कम हो जाती है ।

 Dividend क्या होता है ? 
कंपनी अपने profit का कुछ हिस्सा shareholders के साथ बांटती है, उसे Dividend कहते हैं । फिलहाल 10 लाख तक के Dividend पर कोई Tax नहीं लगता ।
अगर कोई कंपनी अब तक Dividend दे रही है तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि कंपनी भविष्य में भी Dividend देती रहेगी ।
कंपनी जो Dividend देती है, वो Face Value पर दिया जाता है । अगर 10 Rs. की Face Value वाली Company 200% Dividend दे रही तो इसका मतलब वह 20 रुपए प्रति शेयर Dividend दे रही है ।

Dividend के बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए आप  यहाँ Click करें । 

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What is Leverage in market in Hindi

leverage kya hota h, Hindi me padhe

 मान लो आपके पास 10000 रुपए हैं । आप 200 रुपए की कीमत के 50 शेयर खरीद सकते हैं, उसी दिन शेयर की कीमत 210 रुपए हो गई, तो आपको उस दिन 500 रुपए का लाभ हुआ ।
कुछ Broker intraday के लिए 20 गुणा, कुछ 15 गुणा और कुछ 10 गुणा Leaverage देते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि आपका Broker जितना गुणा आपको Leverage देता है, आपकी Amount उतने गुणा हो जाती है और फिर आप उस हिसाब से अपने शेयर खरीद सकते हैं ।
मान लो आपका ब्रोकर आपको 20 गुणा Leverage देता है तो आपकी राशि 10000 का 20 गुणा करने पर 2 लाख हो गई । अब आप 200 रुपए की कीमत वाले 1000 शेयर खरीद सकते हैं और फिर शेयर की कीमत 210 होने पर जब आप अपने शेयर को बेचेंगे तो आपको 10 हजार का लाभ हुआ ।
यह सब Leverage लेने पर फायदा हुआ । अब आप समझ गए होंगे कि Leverage में आप अपने Trading Account में कम राशि होने पर भी ज्यादा शेयर खरीद खरीद सकते हैं ।



अब प्रश्न् मन में यह उठता है कि Leverage लेने के लिए ब्रोकर को कोई Extra Charge या कोई Document भेजना पड़ता है क्या ?
जी नहीं, दोस्तों । ना तो आपको कोई अतिरिक्त राशि देनी पड़ती है और ना ही आपको कोई Document भेजने की जरूरत पड़ती है । आपका Trading Account खुलने पर ये सब सुविधा आपको अपने आप मिल जाती है ।

ब्रोकर Leverage क्यों देता है और क्या Beginner को Leverage लेकर Trading करनी चाहिए ?
ब्रोकर अपने कस्टमर को Intraday के लिए इसलिए Leverage देता है क्योंकि इससे उसकी Brokerage बनती है ।
Beginner को Leverage लेकर Trading नहीं करनी चाहिए क्योंकि आप ज्यादा मुनाफे के चक्कर में ज्यादा नुकसान कर बैठेंगे । जब आप Indicator, Candlestick Pattern और Stoploss के बारे में सीख जाएंगे तब आप Leverage लेकर काम कर सकते हैं ।

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What is IPO ? आइ पी ओ (IPO) क्या है?


जब किसी कंपनी को कोई भी कार्य करने के लिए पैसे की जरूरत होती है तो वह listed होकर जनता से पैसे ले सकती है । इसे IPO(initial Public Offer) कहते हैं ।  जब कंपनी IPO लेकर आती है तो उस IPO की कुछ दिन तक वैधता होती है जिसमें कोई भी व्यक्ति उस कंपनी के शेयर खरीदने के लिए Apply कर सकता है । लेकिन जहां तक हमें पता है IPO में FII  निवेश नहीं कर सकते हैं । IPO Market को Primary Market कहते हैं ।
                  IPO के दस-बारह  दिन बाद कंपनी NSE या BSE या दोनों में listed हो जाती है और जिनको IPO वाले शेयर मिल चुके हैं वो व्यक्ति कंपनी के लिस्ट होने के बाद अगर शेयरों को बेचना चाहे तो वह बेच सकता है । IPO के बाद कंपनी अपने शेयरों को Investor में बांट देती है, इसको Allotment of Share कहते हैं। कंपनी के list होने के बाद जब शेयरों की खरीद बिक्री शुरू हो जाती है तो इसे ‘Secondary Market’ कहते हैं । इसमें कोई भी नया निवेशक जिसने IPO में कंपनी के शेयर नहीं खरीदे थे तो वह भी शेयरों को खरीद और बेच सकता है । IPO में निवेश करने से पहले आपके पास Demate Account का होना जरूरी है । यह किसी प्राइवेट कंपनी का पब्लिक कंपनी की राह पर पहला कदम होता है । इसके बाद प्राइवेट कंपनी पब्लिक कंपनी में बदल जाती है ।
IPO के समय कंपनी की मर्जी होती है कि वह Investor से पूरा पैसा एकदम मँगवाए या किस्तों के रूप में मँगवाए । अगर कंपनी किस्त के रूप में पैसा लेती है तो कंपनी को सारा पैसा एक साल के अंदर मंगवाना होता है तथा हर एक किस्त के बीच में कम से कम एक माह का अंतराल होना जरूरी है ।



 

what are the points to note before investing in an IPO ?    IPO में निवेश करने से पहले जरूरी बातें क्या होती हैं ?


सबसे पहले तो यह देखें की यह कंपनी किस Sector से संबन्धित है । उदाहरण के लिए Auto Sector, IT Sector, Pharma Sector आदि । और वह Sector आज के समय में कैसा Perform कर रहा है और भविष्य में कैसे Perform कर सकता है ।

कंपनी का प्रोमोटर कौन है और उसका रिकॉर्ड कैसा है । क्या वह किसी और कंपनी का भी प्रोमोटर है, अगर है तो उस कंपनी का वित्तीय कार्य कैसा चल रहा है कहीं वह कंपनी घाटे में तो नहीं चल रही ।
कंपनी IPO द्वारा जुटाई गई पूँजी को कहाँ निवेश करेगी ।
आजकल रेटिंग एजेंसियाँ भी IPO वाली कंपनी को रेटिंग देती है, ये रेटिंग एजेंसियां कंपनी के undamental चेक करके रेटिंग देती है, इससे भी निवेशक को फायदा हो सकता है । परंतु रेटिंग एजेंसी पर ना भरोशा करके आपको खुद कंपनी के Fundamental चेक करने चाहिए ।

Types of IPO Subscription

Subscription का मतलब है कि कंपनी अपने जितने शेयरों को जनता को Issue कर रही है, उसके मुकाबले में जनता कितने शेयरों के लिए आवेदन कर रही है । 
Subscription तीन प्रकार का होता है-
1.Fully Subscribe - कंपनी जितने शेयरों को जनता को Issue कर रही है, जनता ने भी उतने ही शेयरों के लिए आवेदन किया है।
2. Over Subscribe - कंपनी जितने शेयरों को जनता को Issue कर रही है, जनता Issue शेयरों की संख्या से ज्यादा के लिए आवेदन कर रही है।
3. Under Subscribe - कंपनी जितने शेयरों को जनता को Issue कर रही है, जनता Issue शेयरों की संख्या से कम के लिए आवेदन करती है ।

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What is Right Issue? What is Bonus Share?

 Share Market in Hindi की इस Series में आप Right Issue in Hindi और Bonus Share in Hindi के बारे में सीखोगे  अगर आप stock market में नए निवेशक हैं तो यदि आपको Bonus Issue या Right issue ना समझ में आए तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि जब आप Share Market 4 में अपना समय बिताएँगे आपको इनकी समझ आती जाएगी ।
What is Right Issue ?
Right Issue क्या है – कंपनी जब अपने विद्यमान शेयरधारकों को ही नए शेयर खरीदने का अधिकार देती है तो उसे Right Issue कहते है । इसमें कंपनी के शेयर की कीमत को बाजार भाव से कम या बाजार भाव पर ही विद्यमान शेयरधारक को नए शेयर खरीदने का मौका दिया जाता है । परंतु यह जरूरी नहीं है कि विद्यमान शेयरधारक Right Issue के लिए Apply करे, यह उसकी मर्जी होती है । नया निवेशक बाजार भाव पर तो खरीद सकता है परंतु Right Issue के द्वारा नहीं खरीद सकता ।



what is Bonus Share?
मान लो ABC कंपनी को बहुत ज्यादा लाभ हुआ । कंपनी ने इस लाभ को अपने कुछ कार्यों में लगाया जैसे नए project खरीदने में , नई ब्रांच शुरू करने में । कार्यों में लगाने के बाद जो पैसा बच गया कंपनी के पास उसको कंपनी ने शेयर में बदल दिया । कंपनी ने इन शेयरों को अपने शेयरधारकों में बाँट दिया । इन शेयरों को ही बोनस शेयर कहा जाता है । इस प्रक्रिया में कंपनी के शेयरधारकों की संख्यां में कोई बदलाव नहीं होता है और इसका सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इस लाभ का सरकार को Tax नहीं देना पड़ता ।
उदाहरण के लिए, तन्मय के पास ABC कंपनी के 1000 शेयर थे । अब उसकी कंपनी को फायदा हुआ तो कंपनी ने बोनस शेयर देने का ऐलान कर दिया । इन बोनस शेयरों को कंपनी ने अपने सभी शेयरधारकों में बाँट दिया, मान लो अब तन्मय को 48 शेयर मिले तो तन्मय के पास कुल 1048 शेयर हो गए । इस प्रकार कंपनी को profit होने पर तन्मय को भी लाभांश के रूप में 48 शेयर free में दिए गए ।

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शेयर की कीमत कैसे ऊपर नीचे होती है ? How share price go up or down?


 शेयर को खरीदने वाले ज्यादा हो तो शेयर की कीमत बढ़ती जाती है और जब शेयर को बेचने वाले ज्यादा हो तो कीमत घटती जाती है । अगर कंपनी का तिमाही , छमाही या वार्षिक परिणाम बढ़िया आ जाए तो शेयर की कीमत बढ़ती जाती है और अगर परिणाम गंदा आ जाता है तो शेयर की कीमत घटती जाती है ।
अगर कोई प्राकृतिक घटना घट जाए जैसे बाढ़ आना , सुनामी आना , भूकंप आना आदि तथा आंतकवादी attack आदि से भी शेयर की कीमत पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि इन सभी से देश की Economy पर प्रभाव पड़ता है ।
कुछ International Factor से भी शेयर पर प्रभाव पड़ता है । कुछ इंटरनेशनल Factor हैं - किसी दूसरे देश में चुनाव , कच्चा तेल (Crude Oil), आंतकवादी अटैक, Dollar Index का ऊपर नीचे होना आदि ।

ज़्यादातर किसी भी Stock की Price का ऊपर नीचे होना Demand and Supply पर निर्भर करता है । Demand and Supply के कारण किसी भी चीज की कीमत पर प्रभाव पड़ता है, यह हम रोजमर्रा की जिंदगी में भी देख सकते हैं ।



इसको हम एक Practical Example की मदद से देखते हैं । भारत में पहले बकरी का दूध मुश्किल से ही कोई खरीदता था और अगर खरीदता था तो उस दूध की कीमत 40 रुपए से ही नीचे थी लेकिन जब डेंगू का रोग फैला तो उसी एक किलो दूध की कीमत 2000 रुपए तक हो गई थी क्योंकि डॉक्टर ने बकरी का दूध डेंगू में लाभदायक बताया था

इस प्रकार जब बकरी के दूध की Demand हुई और मुश्किल से मिलने लगा तो उसकी Price बढ़ती गई । Supply के Case में भी ऐसा ही होता है । जब बेचने वाले ज्यादा हो जाते हैं और खरीदने वाले कम तो Price का गिरना स्वाभाविक ही   है ।
कई बार Demand and Supply को Artificial तरीके से भी Generate किया जाता है, जिससे की नए नए Trader उनके जाल में फंस जाते हैं । जो बड़े - बड़े Investor होते हैं वो कम Volume वाले किसी भी Stock में Artificial Demand को दिखाते हैं और नए Trader उनके इस जाल में फंस जाते हैं और Stock की इस बढ़ी हुई Price पर Share खरीदते रहते हैं तथा बड़ा Investor अपने Share इस High Price पर बेचकर बाहर निकलता रहता है । बड़े Investor के पास शेयरों की संख्या ज्यादा मात्रा में होती है जिसके कारण वह अपने बचे हुए शेयरों के द्वारा Share Price को नीचे ले आता है । जो नया Trader था वो कुछ दिन या कुछ महीने अपने Share की Price का ऊपर आने का इंतजार करता है, मगर जब नहीं आती तो वह Share की कम Price पर ही अपने Share बेचकर बाहर निकल जाता है और फिर बड़ा Investor शेयर की इस कम कीमत पर अपने शेयरों को खरीदना शुरू कर देता है ।

इस प्रकार शेयर की कीमत Demand and Supply पर तो निर्भर करती है परंतु कई बार हम इस Artificial Demand and Supply के चक्कर में फंस जाते हैं । हमें उस Share में Invest करना चाहिए जिसमें ज्यादा Volume होता हो । 

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Why should know these questions answer share market beginners? Share Market Basics for Beginner in Hindi

दोस्तों शेयर बाजार में निवेश करने से पहले आपके  दिमाग में अक्षर जो प्रश्न उठते हैं यहाँ पर उन प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश की गई है । यदि फिर भी आपका प्रश्न रह गया है तो आप comment के माध्यम से पूछ सकते हैं । 
How is stock market ? शेयर मार्केट कैसा बिजनेस है ?

यह एक अच्छा business है, आपने सहारा या LIC या और कोई किस्त भी भरी होगी तो वो आपके पैसे stock market में ही लगाते हैं । आप इसको घर बैठे ही कर सकते हैं । इसमें आप खुद ही बॉस हैं। वारेन बफ्फेट , राकेश झुनझुनवाला ये सब stock मार्केट के हीरो कहे जाते हैं ।

Qualification (योग्यता )

इसके लिए किसी  Degree की जरूरत नहीं पड़ती । मतलब कि इसके लिए आपको किसी भी प्रकार की Graduation की Degree नहीं चाहिए ।





Document Require for Opening Account in Share Market? शेयर मार्केट में खाता खुलवाने के लिए Require दस्तावेज़ ?
अगर आपने share मार्केट में invest करने का मन बना लिया है तो फिर आप निम्नलिखित Document तैयार कर लीजिए :-
  1. PAN Card 
  2. आधार Card या वोटर Card 
  3. पिछले 6 महीने की Bank Detail  
  4. 2 फोटो 
शेयर बाजार में खाता खुलवाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर click करें 






शेयर मार्केट में फायदा कैसे होता है ? How we earn from stock market?

मान लो हम शेयर मार्केट में 5000 रुपए से शुरुवात करते हैं और किसी ABC कंपनी की शेयर Price 20 रुपए है तो हम 5000 रुपए में ABC कंपनी के 250 शेयर खरीद सकते हैं । अब मान लो कुछ समय बाद ABC कंपनी की शेयर Price 25 हो गई तो हम उन 250 शेयर को बेच देंगे और इस प्रकार हमारा Profit हो जाएगा ।
invested value = 5000
company stock price=20
number of share price=250

when company stock price=25 then sale
so current value=25X250=6250

Profit=6250 - 5000=1250

Minimum Amount to Invest in Share Market? कम से कम कितनी पूँजी Share Market में लगायें ?

जब मैं Share Market के बारे में किसी से बात करता हूँ तो सबसे पहला प्रश्न जो सुनने को मिलता है वो ये है की Sir कम से कम कितनी Amount (राशि ) से हम Share Market में शुरुवात कर सकते हैं ।





 Share Market में पैसे की कोई भी Limit कम (Minimum) या ज्यादा (Maximum) नहीं होती । इसमें आप किसी Company का 1 रुपए में भी Share खरीद सकते हो और किसी Company का 50,000 रुपए में भी 1 Share खरीद सकते हो ।
इसका मतलब यह हुआ कि हर एक Company के share की Price अलग-अलग होती है ।
लेकिन कई Brokerage Firm आपको 5000 रुपए से शुरुवात करने के लिए बोलती हैं ।

दोस्तों अगर Share Market से Related कोई भी प्रश्न आपके मन में है तो आप नीचे Comment Box में लिखकर उसके बारे में जानकारी ले सकते हैं ।


How to Trade Online ?  
Online शेयरों को कैसे खरीदें और कैसे बेचें ?

शुरू में आपको facebook और whatsapp का भी ज्ञान नहीं होगा और जब आप उस पर समय बिताते हैं तो आपको knowledge हो जाती है । उसी प्रकार जो ब्रोकर का software होता है , उसकी भी आपको नॉलेज हो जाएगी ।


After opening account, how to learn share market? स्टॉक मार्केट में खाता खुलवाने के बाद कहाँ से सीखें ?



शेयर बाज़ार में खाता खुलवाने के बाद सीखने के साधन :-

1. learn from internet. इंटरनेट पर भी आप सीख सकते हैं ।
2. learn from share market TV channel. शेयर मार्केट वाले टीवी चैनलों से भी आप सीख सकते हैं । 
3. learn from magazine and newspaper. पत्रिका और समाचार पत्रों के माध्यम से भी आप सीख सकते हैं ।

दोस्तों, internet पर सबसे अच्छी तरह शेयर बाज़ार सीखने का साधन हमारा अपना Blog ही तो है । आप सब दोस्तों की वजह से यह हर रोज तरक्की कर रहा है । 
इसके लिए आप सब का दिल से धन्यवाद । 

क्या Job वाला व्यक्ति भी Share Market कर सकता है ?

अगर आप Job करते हैं और Share Market में Invest  (निवेश) करना चाहते हैं तो आप Share Market में Invest कर सकते हैं इसके लिए आपको Job छोड़ने की जरूरत नहीं है । क्योंकि बहुत से Broker आपको AMO का option देते हैं ।

 शेयर बाजार में entry के लिए आपको Job छोडने की जरूरत नहीं है । शेयर बाजार में आप एक बार शेयर को Buy/sell का order डालकर आप जो भी काम करना चाहे कर सकते हैं ।
AMO क्या होता है :


AMO का मतलब  After Market Order होता है । इसका मतलब यह हुआ कि आप Market बंद होने के बाद आप अपना Order भर सकते हैं और यह Order अगले दिन Execute होगा ।
लेकिन अगर आपके पास समय नहीं है तो आप दिनभर में होने वाली stock की movement से अछूते रह सकते हैं ।
अगर आप Market में Job के साथ Invest करना चाहते हैं तो invest कर सकते हैं लेकिन Trading करने के लिए आपको समय चाहिए ।
Investing और Trading में अंतर 
Investing का मतलब लम्बे समय के लिए निवेश करना होता है । यह समय 6 महीने , 1 साल , 2 साल या इससे भी अधिक हो सकता है ।
Trading का मतलब उसी दिन ( Intraday ) या थोड़े समय के लिए निवेश करना होता है ।

क्या शेयर मार्केट से कोई व्यक्ति करोड़पति बन सकता है ?  Is there possible to be Millionaire in stock market ?


जी हाँ , दोस्तों । शेयर मार्केट के द्वारा आप आसानी से करोड़पति बन सकते हैं । बस जरूरत है तो आपकी लगन और मेहनत की । जैसे जैसे आप इसमें समय बिताते जाएंगे, आपको शेयर मार्केट की knowledge आती जायेगी और आप expert बनते जायेंगे ।
हम आपको एक उदाहरण से बताते हैं - R K Dhamani जिन्होंने 32 की उम्र में Trading शुरू की और आज वो भारत के 17वें अमीर व्यक्ति बन गए हैं । राकेश झुनझुनवाला जिनको भारत की stock market का big bull कहा जाता है, उन्होंने 5000 रुपए से इसकी शुरुवात की और आज उनका Portfolio करीब 6500 करोड़ रुपए है ।
इन 2-3 सालों में stock market में करोड़पति बनने वालों की संख्यां में काफी बढ़ोतरी हुई है ।
शेयर बाज़ार में पैसे कमाने के लिए हमें Stock Analysis के बारे में जानना होगा । 
what is stock analysis ? स्टॉक का विश्लेषण से क्या अभिप्राय है ?


stock analysis से मतलब आने वाले समय में कंपनी के शेयर  की कीमत कम होने या ज्यादा होने से है । इसमें हम stock के fundamental और technical चेक करके यह पता लगा सकते हैं कि stock की भविष्य में कीमत कम होगी या ज्यादा    होगी ।


Stock Analysis के लिए हमें fundamental और technical दोनों की knowledge होनी चाहिए ।

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What mean by Broker? How to invest in share market for Beginners in india ?

SEBI द्वारा एक ऐसा Platform तैयार किया गया जिससे कि आम जनता Exchange के अंदर शेयरों की Trading करवा सके । इस Platform को Broker नाम दिया गया । 
दूसरे शब्दों में, Broker एक फ़र्म होती है जिसकी मदद से हम शेयर को खरीदते हैं और बेचते हैं । ध्यान रहे कम ब्रोकरेज हो जिसकी उसी के पास अपना अकाउंट खुलवाना चाहिए । लेकिन हमें सिर्फ Brokerage की तरफ ध्यान नहीं देना चाहिए, हमें देखना चाहिए कि उनका Trading Platform कैसा है, उनकी Back up टीम कैसा काम करती है और क्या वो फोन Service देते हैं या नहीं?
गूगल सर्च करके भी ब्रोकर List को देख सकते हैं जो India के शेयर बाजार में Invest करने में आपकी मदद करेंगे । 

अब बात करते हैं How to invest in share market for Beginners in india या How to invest in share market online की - दोस्तों ये दोनों प्रश्न same ही हैं । Invest करने के लिए हमें किसी Broker के पास Account Open करवाना होता है । उसके बाद ये आपको ID और Password दे देते हैं । फिर आप इनकी Application के द्वारा कहीं भी बैठकर Trading या Investment कर सकते हैं । जिस प्रकार आपको Facebook या Whatsapp का ज्ञान हो गया है, उसी तरह आपको इनके Software का भी ज्ञान हो जाएगा, वैसे भी जो आपको Account Open कर के देगा, वो आपको इसके बारे में जरूर बता देगा । इन सभी Broker का Customer Care का नंबर भी होता है । आप उनसे भी सहायता ले सकते हैं । 



अगर आप Zerodha में अपना Account Open करवाना Chahte हैं तो यहाँ Click करें । 


भारत के Top Ten Broking Firm 
               भारत के Top Ten Broking फ़र्म की लिस्ट सभी के अनुसार अलग - अलग होती है क्योंकि यह Invest करने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह अपने Broker में क्या खासियत चाहता है ।
  • Zerodha        -    20 रुपए प्रति Trade और Delivery Free. पूरी जानकारी के लिए कंपनी की website पर जाएँ । 
  • Upstox (RKSV) - 20 रुपए प्रति Trade और Delivery Free. पूरी जानकारी के लिए कंपनी की website पर जाएँ । 
  • Prostocks      -       15  रुपए प्रति Trade, महीने का असीमित प्लान 899 रुपए में और साल का unlimited trading plan 8999 रुपए में । पूरी जानकारी के लिए कंपनी की website पर जाएँ । 
  • Compositedge    - 20 रुपए प्रति Trade .  पूरी जानकारी के लिए कंपनी की website पर जाएँ ।
  • TradeSmartOnline- 10 रुपए प्रति Trade .  पूरी जानकारी के लिए कंपनी की website पर जाएँ । 
  • My Value Trade - 10 रुपए प्रति Trade .  पूरी जानकारी के लिए कंपनी की website पर जाएँ । 
  • Tradejini -            20 रुपए प्रति Trade .  पूरी जानकारी के लिए कंपनी की website पर जाएँ ।
  • SAMCO -             20 रुपए प्रति Trade .  पूरी जानकारी के लिए कंपनी की website पर जाएँ ।
  • SAS Online -        09 रुपए प्रति Trade .  पूरी जानकारी के लिए कंपनी की website पर जाएँ ।
  • RKGlobal -          09 रुपए प्रति Trade .  पूरी जानकारी के लिए कंपनी की website पर जाएँ । 

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    Accounts - Demat Account and Trading Account का क्या फंडा है ?


    शेयर बाजर में Stocks को खरीदने और बेचने तथा अपने Portfolio में Stocks को Hold करके रखने के लिए आपके पास Trading Account और Demat Account दोनों का होना बहुत जरूरी हैं ।

                               

    Trading Account 

    शुरू में बहुत कम लोग शेयर बाजार के बारे में जानते थे । मुंबई जैसे बड़े शहर के लोग ही शेयरों को खरीदते और बेचते  थे । वो लोग एक बरगद के पेड़ के पास इकट्ठे हो जाते थे और कंपनी के शेयरों पर बोलियाँ लगाते थे । अगर खरीदने और बेचने वाले दोनों पक्ष कंपनी के शेयर की एक निश्चित कीमत पर तैयार हो जाते तो उसके बाद का वो लोग कागज पर लिखकर सहमति पत्र तैयार करते  थे । 
    परंतु धीरे धीरे समय के साथ कागज का काम Electronic तौर पर होने लगा ।  शेयरों की खरीद बिक्री पर जो बोलियाँ लगती थी वो अब एक नए अंदाज में लगने लगी मतलब की Buyer और seller दोनों अपने शेयरों को Computer पर बैठे-बैठे Online ही Buy और Sell करने लगे । लेकिन Online शेयरों की खरीद बिक्री के लिए एक Account की जरूरत पड़ी जिसको हम Trading Account कहते हैं । Trading account के द्वारा हम शेयरों को Buy या Sell कर सकते हैं । यह ट्रेडिंग प्लैटफ़ार्म हमें ब्रोकर देते हैं । ब्रोकर एक संस्था होती है जो शेयरों की खरीद बिक्री के लिए Software देती है ।



    Broker की धोखाधड़ी को रोकने के लिए हमारे देश में एक संस्था है जिसे SEBI (Securities and Exchange Board of India ) कहते हैं । SEBI से registered ब्रोकर की संख्या बहुत ज्यादा है । हमारे देश में दो मुख्य Exchange है जो कि NSE (National Stock Exchange ) तथा BSE (Bombay Stock Exchange ) है । NSE तथा BSE में शेयरों की खरीद बिक्री होती है क्योंकि किसी भी ब्रोकिंग फ़र्म का trader किसी अन्य ब्रोकिंग फ़र्म के trader से buy या sell कर सकता है ।



    Demat Account
    Demat अकाउंट बैंक अकाउंट की तरह ही होता है । इसमें आपके शेयर को रखा जाता है । जब आप एक दिन से ज्यादा शेयर को रखते हैं तो यह अपने आप ही आपके Demat account में चला जाएगा और जब आप शेयर को बेच देते हैं तो यह अपने आप Demat अकाउंट से चला जाएगा । जिस दिन आप कोई Share खरीदते हैं वह T-Day कहलाता है उससे अगला दिन T1 तथा उससे अगला दिन T2 कहलाता है। इस T2 वाले दिन आपके Demat Account में शेयर आते हैं और इसी प्रकार से T2 वाले दिन आपके Demat Account से शेयर जाते हैं ।
     Demat Account की सहायता से ही आप अपने Demat Account में रखे शेयरों को दूसरे के Demat Account में Transfer कर सकते हैं। अगर आपके पास Demat Account नहीं होगा तो आप शेयरों को Transfer नहीं कर सकते । इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास Demat Account नहीं है तो आप शेयरों के साथ ट्रेडिंग तो कर सकते हैं लेकिन अगले दिन के लिए नहीं रख सकते । इसलिए शेयरों को अगले दिन या कुछ दिन रखने के लिए Demat Account की जरूरत पड़ती है । 


    मुख्य बातें :


    SEBI - यह कंपनी तथा ब्रोकिंग फ़र्म पर नजर रखती है ताकि trader के साथ किसी भी प्रकार का धोखा न हो । 
    Exchange - यह किसी भी कंपनी के शेयरों की खरीद बिक्री के लिए बीच में एक संस्था होती है । किसी भी कंपनी को शेयरों की खरीद या बिक्री के लिए Exchange में listed या registered होना बहुत जरूरी है । 
    Broker - यह एक संस्था होती है जो trader को शेयरों की खरीद बिक्री के लिए Software provide करती है । Broker के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप यहाँ Click कर सकते हैं । 
    Trader - शेयरों की खरीद बिक्री करने वाले व्यक्ति को trader कहते हैं । 
    Share - किसी भी व्यक्ति का कंपनी में एक हिस्सा होता है । इस हिस्से को वह व्यक्ति Price के अनुसार Buy या Sell कर सकता है । यह हिस्सा हमें हमारे Account में एक गिनती के रुप में नजर आता है मतलब कि कंपनी के अंदर हमारे द्वारा लगाए गए पैसे हमें शेयरों की संख्या के रूप में नजर आते हैं । थोड़ा और शेयर के बारे में जानने के लिए यहा Click करें । 






    क्या हम एक से ज्यादा Demat या Trading Account खुलवा सकते हैं?


    जी दोस्तों, आप एक से ज्यादा Demat तथा Trading Account खुलवा सकते हैं । लेकिन अगर आप चाहे तो Demat Account सिर्फ एक रखा जा सकता है । उदाहरण के लिए आपने A नाम की ब्रोकिंग फ़र्म के पास Demat तथा Trading Account दोनों Open करवा लिए । अब आप चाहते हैं किसी दूसरी ब्रोकिंग फ़र्म B के पास अपना Trading Account खुलवाना चाहते हैं बस आपको यह बताना है कि Demat Account मेरे पास पहले है और मैं सिर्फ वही Demat Account रखना चाहता हूँ । लेकिन अगर आप चाहे तो B ब्रोकिंग फ़र्म के पास भी Demat तथा Trading Account दोनों खुलवा सकते हो ।  कई Trader इस झमेले से बचने के लिए दोनों Broking फ़र्म के पास ही Demat तथा Trading Account दोनों खुलवा लेते हैं । 


    एक से ज़्यादा Trading Account का फायदा या नुकसान ? Many Trading Account have Benefit or loss?


    अगर आप अभी अभी शेयर बाजार को सीख रहे हो तो सिर्फ एक ही Trading Account खुलवाईए । अगर आपको शेयर बाजार का Experience हो गया है तो आप इस Post को लगातार पढ़ते रहिए । 
    एक से ज़्यादा Trading Account होने का फायदा यह है कि हम एक Trading Account में सिर्फ उन शेयरों को खरीद कर छोड़ देते हैं जो हमने लंबे समय तक रखने हैं और दूसरे Trading Account से हम हर रोज जो भी Trading करनी है वो कर सकते हैं । अब आप सोच रहे होंगे कि यह दोनों बातें तो हम एक ही Trading Account से भी कर सकते हैं लेकिन दोस्तों यहाँ मैं आपको मेरे अनुभव से बता दूँ कि जब हम एक ही Trading Account से यह सब करते हैं तो जो शेयर हमने लंबे समय के लिए रखा है और हमारी नजर हर रोज उस पर पड़ती है तो हम अपने लालच या डर के कारण उसमें भी ट्रेडिंग कर लेते हैं । इस तरह हम अपने इरादों से पलट जाते हैं । 




    दूसरा सबसे बड़ा फायदा मैं मेरे अनुभव से बता रहा हूँ इसको पुरे ध्यान से पढ़ना । जब हमारे पास एक ही ट्रेडिंग अकाउंट होता है और हमने किसी शेयर को Buy या Sell कर रखा है । कई बार उस ब्रोकिंग फ़र्म का सर्वर Down हो जाता है और इस दौरान हम अपने शेयर की खरीद या बिक्री की Price में कोई बदलाव नहीं कर पाते । इस प्रकार हमें बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है । लेकिन अगर हमारे पास एक से ज़्यादा ट्रेडिंग अकाउंट है तो हम इस नुकसान को कम कर सकते हैं । मान लो हमने किसी शेयर को 180 रुपए के भाव पर खरीद रखा है और ब्रोकिंग फ़र्म A का सर्वर down हो गया । इसी दौरान शेयर की कीमत भी गिरकर 175 रुपए के भाव पर आ जाती है और हम अपने शेयर से निकल नहीं पाते । अगर हमारा दूसरा Trading अकाउंट B ब्रोकिंग फ़र्म के पास होगा तो हम उस B फ़र्म वाले अकाउंट से उसी कंपनी के शेयरों को 175 के भाव पर Sell कर देंगे । ध्यान रहे ये वो शेयर नहीं हैं जो हमने A ब्रोकिंग फ़र्म के ट्रेडिंग अकाउंट में खरीदे थे, ये आपने उसी कंपनी के नए शेयरों को Sell किया है । मतलब कि आपके इस ट्रेडिंग account B में शेयरों के ना होते हुए भी आप बेच रहे हैं तो इसको Short Sell कहते  हैं । इस प्रकार शेयर की Price और भी गिरती है तो हमारा Loss fix हो चुका है । क्योंकि अगर A ट्रेडिंग अकाउंट में हमें Loss हो रहा है तो B ट्रेडिंग अकाउंट में हमें Profit हो रहा है । यह हमने इसलिए किया है ताकि हमारे  पहले वाले ब्रोकिंग फ़र्म A का सर्वर जो डाउन हुआ था ठीक हो जाए और जब server पर कोई Problem नहीं रहती तो आप पहले वाले Trading Account A से शेयरों को Sell कर दें और दूसरे ट्रेडिंग अकाउंट B से शेयरों को Buy कर लें । इस तरह Loss को fix करना Hedging कहलाता है । 
    कई trading account होने  का एकमात्र नुकसान यह है कि जब किसी विशेष दिन उस शेयर की कीमत News के कारण गिर रही है तो हम कई Trading Account एक साथ संभाल नहीं पाते । 


    कितने Trading Account हमारे पास होने चाहिए ? How many trading account should you have ?


    मेरे हिसाब से हमारे पास 3 trading account होने चाहिए । पहला investing के लिए , दूसरा swing trade के लिए तथा तीसरा intraday के लिए । यहाँ मैं आपको बता दूँ यदि आप अभी अभी शेयर बाजार सीख रहें हैं तो सिर्फ एक ही trading account सही है । यह सब आप सीखने के बाद भी खुलवा सकते हैं । 
    Swing Trade का मतलब है कि मैं शेयरों को 5 या 7 दिन के लिए रखना चाहता हूँ और Intraday से मतलब है कि चाहे मुझे शेयरों में फायदा हो या नुकसान उसे आज ही बेचना चाहता हूँ । 
    ध्यान रहे Intraday सिर्फ उसी अकाउंट में करनी चाहिए जो ब्रोकिंग फ़र्म Intraday के लिए कम charge लेती हो । 




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    What is share? शेयर क्या होता है ?


    शेयर का मतलब होता है हिस्सेदारी । अगर आपने किसी company के शेयर खरीदें हैं तो इसका मतलब आपने उस company में हिस्सेदारी खरीदी है ।

            दूसरे शब्दों में बोलें तो ,  कंपनी अपनी पूंजी को छोटे छोटे हिस्सों में बाँट देती है, उसे शेयर कहते हैं । 
    मान लो किसी company के पास कुल 1 लाख शेयर हैं और आपने उस company के 2000 शेयर खरीद लिए तो आपकी उस company में 2% हिस्सेदारी हो गई ।

    आपने CNBC आवाज या Zee Business चैनल देखा होगा, उनमें जो नीचे पट्टी पर लिखे होते हैं वो शेयर के नाम होते हैं और उन्हीं के सामने उनकी कीमत भी लिखी होती है कि वो कितना बढ़ गया है और कितना कम हो गया है ।



    How many types of share? शेयर के प्रकार ?
    आप किसी भी कंपनी से दो तरह के शेयर खरीद सकते हैं – पहले तरह के शेयर को अधिमानित(प्रेफरेंसियल शेयर ) और दूसरे तरह के शेयर को ‘इक्विटि शेयर’ कहा जाता है ।
    प्रेफरेंसियल शेयर – इस तरह के शेयरधारक को लाभ में से सबसे पहले हिस्सा मिलता है परंतु शेयरधारक को कंपनी का हिस्सेदार नहीं माना जाता है । लाभ के आधार पर प्रेफरेंसियल शेयर तीन प्रकार के होते हैं – 1. असंचयी अधिमानित शेयर (non-cumulative preferential share) यदि कंपनी किसी कारणवश पहले साल लाभ नहीं कमाती और दूसरे साल लाभ कमाती है तो शेयरधारक दोनों वर्ष का लाभ प्राप्त करने का दावा नहीं कर सकता । 2. संचयी अधिमानित शेयर – यह असंचयी अधिमानित शेयर का उल्टा होता है । मतलब कि शेयरधारक दोनों वर्ष के लिए लाभ लेने का दावा कर सकता है । 3. विमोचनशील अधिमानित शेयर (टिडीम्ड कुमुलेटिव प्रेफरेंसियल शेयर ) इस तरह के शेयरधारक को उसकी पूँजी निश्चित समय के बाद लाभांश के साथ लौटा दी जाती है ।
    इक्विटि शेयर – जब शेयर का नाम लिया जाता है तो मुख्य रूप से वो इक्विटि शेयर ही होता है । जो स्टॉक मार्केट में खरीद बिक्री के लिए प्रयोग होता है । इक्विटि ही किसी कंपनी में हिस्सेदारी को निर्धारित करती है और कंपनी के लाभ हानी का उस पर सीधा प्रभाव पड़ता है । इन शेयरधारकों को कंपनी के फैसलों पर अपनी राय और मत देने का अधिकार प्राप्त होता है ।

    Market Cap = Number of Shares  X  Current Market Price

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